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सिस्टर मेरी-अग्नेस सुवान्ना बुआसाप को मानव तस्करी के खिलाफ काम करने के लिए पुरस्कार मिला सिस्टर मेरी-अग्नेस सुवान्ना बुआसाप को मानव तस्करी के खिलाफ काम करने के लिए पुरस्कार मिला 

काथलिक धर्मबहन को थाईलैंड में मानव तस्करी विरोधी शीर्ष पुरस्कार मिला

मानव तस्करी से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर की गई अपनी क्रांतिकारी पहल के लिए जानी जानेवाली एक थाई काथलिक धार्मिक बहन को थाईलैंड के सुदूर उत्तरी क्षेत्रों में कमजोर समुदायों के साथ किए गए उनके काम के लिए राष्ट्रीय मान्यता मिली है।

वाटिकन न्यूज

थाईलैंड, शनिवार, 7 जून 2025 (लिकास न्यूज) : सेंट पॉल दी चार्ट्रेस की धर्मबहनों की सिस्टर मेरी-अग्नेस सुवान्ना बुआसाप को 5 जून को राष्ट्रीय मानव तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर बैंकॉक में आयोजित एक समारोह के दौरान थाईलैंड के सामाजिक विकास और मानव सुरक्षा मंत्रालय द्वारा सम्मानित किया गया।

यह पुरस्कार तस्करी की समस्या से निपटने में उनके "साहसी, रचनात्मक और निरंतर" प्रयासों की सराहना करता है, विशेषकर अधिक खतरेवाले क्षेत्रों में रहनेवाली महिलाओं और बच्चों के बीच।

इस कार्यक्रम में थाईलैंड भर के धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष समूहों के प्रतिनिधि एकत्र हुए जो मानव तस्करी से लड़ने के लिए काम कर रहे हैं।

सम्मानित होनेवालों में चेंथबुरी धर्मप्रांत के नाविकों की प्रेरिताई की स्टेला मैरिस भी शामिल थीं, जो तस्करी की शिकार मछुआरों और नाविकों को बचाने और उनकी सहायता करने के लिए समुद्री नेटवर्क एवं स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग करती हैं।

लिकास न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में, सिस्टर मेरी-अग्नेस ने समाज के सबसे कमज़ोर लोगों तक आशा और ठोस कार्य के साथ पहुँचने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया - ख़ास तौर पर काथलिक कलीसिया की जयंती वर्ष 2025 के दौरान।

उन्होंने कहा, "इस जयंती वर्ष में, हमें आशा के तीर्थयात्री बनने के लिए कहा गया है - हाशिये पर रहनेवालों, ख़ास तौर पर शोषण की जोखिम में रहनेवाली युवा महिलाओं के लिए आशा लाना। तस्करी से लड़ने के लिए, हमें उन समुदायों में गहराई से एकीकृत होना होगा जिनकी हम सेवा करते हैं। विश्वास का निर्माण ज़रूरी है।"

सिस्टर मेरी-अग्नेस सुवान्ना बुआसाप पुरस्कार से सम्मानित
सिस्टर मेरी-अग्नेस सुवान्ना बुआसाप पुरस्कार से सम्मानित

उनका तस्करी विरोधी दृष्टिकोण शिक्षा, सशक्तिकरण और समुदाय-आधारित नेतृत्व पर आधारित है। उनकी पहलों में शामिल हैं:

- 35 स्कूलों में 3,182 शिक्षकों को तस्करी विरोधी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित करना, 60,000 से अधिक छात्रों तक पहुँचना।

- उत्तरी सीमा क्षेत्रों में युवाओं के नेतृत्व वाले जागरूकता अभियानों का समर्थन करना।

- दीर्घकालिक वकालत का निर्माण करने के लिए स्कूलों में तलिथा कुम किड्स नेटवर्क की स्थापना करना।

- परिवार की आय बढ़ाने के लिए मिर्च आधारित उत्पादों के उत्पादन सहित तीन उत्तरी गांवों में महिलाओं के लिए आजीविका कार्यक्रम शुरू करना।

800 से ज्यादा महिलाओं के लिए कार्यशालाओं का नेतृत्व करने के लिए 40 तलिथा कुम स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है, जिसमें जागरूकता, कौशल विकास और सामुदायिक लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित किया गया।

तलिथा कुम आंदोलन - जिसका नाम संत मारकुस रचित सुसमाचार में येसु के शब्दों पर रखा गया है, "लड़की, मैं तुमसे कहता हूँ, उठो" - मानव तस्करी से लड़नेवाली समर्पित महिलाओं का एक वैश्विक नेटवर्क है। 2009 में इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ सुपीरियर जनरल द्वारा स्थापित, यह नेटवर्क 90 से ज़्यादा देशों में सक्रिय है।

सिस्टर मेरी-अग्नेस ने मिशन को बनाए रखने में अपने धर्मसंघ और विश्वव्यापी कलीसिया के समर्थन को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, "यह काम कभी अकेले नहीं किया जाता है।" "यह साझा प्रतिबद्धता, विश्वास और करुणा का फल है।"

उनके प्रयास तस्करी विरोधी प्रवर्तन में वैश्विक मंदी के बीच सामने आए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि 2020 में, तस्करी से संबंधित अपराध का पता लगाने में 11% की गिरावट आई, जबकि सजा में 27% की गिरावट आई - यह गिरावट विकासशील देशों में सबसे अधिक दिखाई देती है।

सिस्टर मेरी-अग्नेस का राष्ट्रीय पुरस्कार दुनिया की सबसे लगातार मानवाधिकार चुनौतियों में से एक का सामना करने में आस्था से प्रेरित जमीनी स्तर की कार्रवाई की शक्ति का एक वसीयतनामा है।

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07 जून 2025, 16:12